Village bhabhi and devar desi chudai dogi style

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वो एक शरद अर्थू की सुबह थी जब मैंने पहली बार उसे देखा

हवा में हल्की सी ठंडक थी और सूरज की किरने पेडों के बीच से जलक रही थी

कॉलेज के गेट पर खड़ी मैं अपनी सहेली से बात कर रही थी

तभी मेरी नज़्रें एक लड़के पर पड़ी वह था करण उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी

जो मुझे बहुत आकर्शित कर रही थी

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