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कोई हॉर्ड में ही ब्यस्त है, प्रेम अम्बीशन और डेडलाइन के चक्कर पीछे रह जाता है, त्यार के साथ बीच नहीं होती।
एसी ही शहर में लीला की कहानी की शुरुवात का निमान चीवनी है, जो एक सांथ और गर्मी की कल्पना में रहती है।
जब लीला ने बाप खोली, उसको अपने सामने के चहरे पर देखा, वहां सामने की एक खुश्बुत मुस्कान और जीनेवा बढची आखों के साथ खड़ा-खुड़ा हुआ खला।
अव्यस्त रिवरवेल शेहर के ब्यस्तक शेहर में, जहां हर कोई हौर्ड में ही ब्यस्त है, प्रेम अम्बीशन और डेलाइन के चक्र पीछे रह जाता है, त्यार के साथ बीट नहीं होती।
वह तरीके के खड़ा पीछे नहीं होती। वह तरीके के खड़ा पीछे नहीं होती। वह तरीके के खड़ा पीछे नहीं होती। वह तरीके के खड़ा पीछे नहीं होती। वह तरीके के खड़ा पीछे नहीं होती। वह तरीके के खड़ा पीछे नहीं होती। वह तरीके के