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कभी जो बादल मरसे मा देखूं तुझे आखें बरके तु लगे मुझे पहली मारिश की दूआ

तुझे को पागल कहलूं तु गंद एख़ुशियां सहलूं साथियां

तेरे सिवा मेरा यहाँ

मंजले है मेरी तो सब यहाँ

मिठाले सभी आजा फासले

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