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पडोस में एक लड़गा मेरी मम्मी को पसंद था, वो लड़गा मुझे भी पताने के चक्कर में था, मैं खुद भी अपनी पहली चुदाई चाह रही थी.
दोस्तों मैं अंजली, एक बार फिर हाजर हूँ, इस कहानी में गोपनेता के लिए हाथ से सब के नाम बदले हुए हैं, तो इसलिए बदले हुई नामों के साथ कहानी को प्रस्थुत करती हूं.
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम सपना है, मैं सुरत से हूँ, अठाइट साल की शादी शुदा, मेरा एक बेटा भी है, जो कहानी मैं आपको बताने जा रही हूँ, याद से साथ साल पहले शुरू हुई दास्ता है, जो हमारे पढोस में रहने आए प्रती के साथ शुरू हु�
मेरे घर में हम चार लोग थे, मैं, मेरी वहन खुश्बू, मा विमला और हमारे पापा अशोग
पापा एक कपड़े की मिल में मुणशी है, मा घर में रहती हैं, दोनों वहने पढ़ रही है