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अमर बसार काजर मेइटी प्रती दिन सोफाई घुमातो और गबीर राते चितकार करतो
अमी ता आमार रुम थेके सुनते पेताम
किन्तु काजर मेइटी सोकाले साभाबिक होये जेतो
आमी पर दिन राते आबर सेइ चितकार सुनते पेताम
आमी अबा ख़ताम शेइ सब्द शुने
अमर बसार काजर मेइटी प्रती दिन सोफाई घुमातो और गबीर राते चितकार करतो
अमी ता आमार रुम थेके सुनते पेताम
किन्तु काजर मेइटी सोकाले साभाबिक होये जेतो
आमी पर दिन राते आबर सेइ चितकार सुनते पेताम
आमी अबा ख़ताम शेइ सब्द शुने