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प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभाद प्रभा

गुन्दखीया है न इतनी पड़े लोग पड़े लिखे लोग वे इनको कुछ नहीं समझ में आता वह भूँसुरी साहे

आपको अच्छा नहीं समझते वो भी अच्छे लोगे

वो इसे ही होगा भूँसुरी का साहा

आदम ले गये नहीं कर रहे है जी काम करने का

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