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जब जज़न जनकाऊं में खनके मन के ताल

अंग रचा के ऐसा करूं सिंदार

जब जब मुझे नौलक्खा मंगा देरे ओ सिया देवाने

मुझे नौलक्खा मंगा देरे ओ सिया देवाने

माती भी जूम महें कारिबाने तुझे मैं तुझे मैं तुझे गली से लगा लूगी

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