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मैं और जोर से जब चूत में उंगली हिलाने लगा तो आंटी गाली देने लगी उफु।
मादर चोट थोड़ा धीरे करे हैं। आउच्छ। अंगार हो रही है रे तेरी उंगली।
रुख सौरब रुख जा। लेकिन मैं उसी स्पीड में उनकी चूत पर मुँँ ले गया और चूत चाटने लगा।
उनकी सिशकारिया और तेज हो गई और वे मेरा मुँ पकड चूत की और दबाने लगी।
मैं जोश में और जोर से चाटने लगा था। एक बार जब अंकल काम से बाहर गए हुए थे तो आंटी ने कहा सौरब मेरा कही घूमने का बहुत मन हो रहा है कही चला जाए क्या। मैंने तुरंद हा कर दिया और आंटी को एपीजे जू ले गया।