Video Transcription
रात के 11 बच चुके थे।
शहर की सडकें धीरे धीरे सुनसान होने लगी थी।
सर्ध हवा में हलकी नमी थी।
ऐसे में शहर के पुराने इलाके में एक चोटी सी बुक कैफे खुली हुई थी।
जहां हलकी रोष्णी और धीमा संगीद चल रहा था।
रात के 11 बच चुके थे।
शहर की सडकें धीरे धीरे सुनसान होने लगी थी।
सर्ध हवा में हलकी नमी थी।
ऐसे में शहर के पुराने इलाके में एक चोटी सी बुक कैफे खुली हुई थी।
जहां हलकी रोष्णी और धीमा संगीद चल रहा था।